पुणे न्यूज डेस्क: पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार का दायरा मध्य प्रदेश से बाहर भी फैला हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भोपाल, ग्वालियर और पुणे में सौरभ शर्मा से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में नकदी और चांदी बरामद हुई। छापेमारी के दौरान 12 लाख रुपये नकद, 9.9 किलो चांदी और 30 लाख रुपये बैंक खातों में जमा होने की जानकारी मिली। ईडी के अनुसार, सौरभ शर्मा ने अपनी काली कमाई रिश्तेदारों और परिचितों के माध्यम से कई जगहों पर निवेश की थी।
जांच में सामने आया है कि शर्मा का महाराष्ट्र के पुणे तक निवेश का जाल फैला हुआ है। ईडी ने भोपाल और ग्वालियर के साथ-साथ पुणे में भी छापेमारी की, जहां उसे निवेश से जुड़े दस्तावेज़ मिले। तीनों शहरों में कुल 42 लाख रुपये नकद मिले, जिसमें से 12 लाख रुपये जब्त कर लिए गए, जबकि 30 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। इन पैसों का इस्तेमाल जांच पूरी होने तक संभव नहीं होगा।
छापेमारी के दौरान 9.9 किलो चांदी भी बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग 9 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, कई डिजिटल उपकरण और संपत्ति से जुड़े कागजात भी ईडी ने कब्जे में लिए हैं। इन दस्तावेजों की जांच से सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार से जुड़े और भी मामलों का खुलासा होने की संभावना है। ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से पूरे मामले की जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, सौरभ शर्मा ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए अपने रिश्तेदारों और परिचितों का सहारा लिया। ईडी ने ग्वालियर में फर्म एवं सोसायटी के पूर्व उप पंजीयक के.के. अरोड़ा और भोपाल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. श्याम अग्रवाल के यहां भी छापा मारा। माना जा रहा है कि शर्मा ने इन दोनों के माध्यम से अपनी अवैध संपत्ति का निवेश किया। नवोदय कैंसर अस्पताल में भी शर्मा के निवेश का शक है।
सौरभ शर्मा के खिलाफ पहले ही आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाया। दिसंबर में भी ईडी ने शर्मा और उनके रिश्तेदारों के घर-दफ्तर पर छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ। फिलहाल, शर्मा और उनकी पत्नी फरार हैं, और ईडी उनकी तलाश में जुटी है।